काहें के लगावला नेहिया , बोल हो कन्हाई!!!
जानत तू रहल माधो, एकर अंजाम हो,
तबो तू कैला काहें, बोला ऐसन काम हो,
कैसन तू देवा हौउवा, कैसन गोसाई..
काहें के लगावला नेहिया , बोल हो कन्हाई!!!
गयेल पराई कान्हा , तू त मधुबन से,
कैसे निकली बोल तोहके अपना मन से ,
छछनेला जियरा मोरा, होला जग हसाइ .
काहें के लगावला नेहिया , बोल हो कन्हाई!!!
बिरहन के हिय कवनो, बेद ना मानेला,
तोहरो इ बेदी साथी, इतनो ना जानेला,
गुण निर्गुण के उधो, बाडे समुझाई .
काहें के लगावला नेहिया , बोल हो कन्हाई!!!
किस्मत नगिनिया काहें, हमारा के दसलू,
हम बानी कतहु मोरा, कही बाडे सवरु,
जन्मे के पापिन हउ, तोहअके का बुझाई.
काहें के लगावला नेहिया , बोल हो कन्हाई!!!
bah bhai kavta bahut badhiya ba tohar..........
ReplyDeletedhanyabad ajit bhai :)
ReplyDelete[...] by cytocine on October 8, 2009 This is another poem written by me. Hope you will love it like my previous one. Translation of this poem is welcomed. Please do it if [...]
ReplyDeleteअच्छा प्रयास!
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